इक बार की बात है बृंदा वन का इक साधु अयोध्या की गलियो मे राधा कृष्णा राधा कृष्णा
जप रहा था तो इक अयोध्या का साधु बोला :-अरे भाई क्या राधा कृष्णा,राधा कृष्णा
लगा रखा है, अरे नाम ही जपना है सीता राम, सीता राम जपो ना क्या उस टेढ़े मेढ़े का नाम
लेते हो ?
इतना सुन कार बृंदा बन वाला साधु भड़क गया और बोला :- भाई जी जुबान संभाल कार बात
कीजिए,ये जुबान पान भी खिलाती है और लात भी खिलती है,आपने मेरे ईस्ट देव को टेढ़ा-मेधा
कैसे बोला?
अयोध्या का साधु बोला :-भाई ये बिल्कुल सत्या बात है की सचाई बहूत कड़वी होती है
लोग सहन नाही कार पाते है देखिए ना सच सुन कार आप कितने बौखला गये?
लेकिन :- सचाई च्हुप नाही सकती बनावत् की उसूलो से ,की खुशबो आ नाही सकती
कभी कागज की फूलो से?
भाई जी हम यह साबित कार सकते है की आपके कृष्ण टेढ़े मेढ़े ही है उसका कुच्छ भी तो
सीधा नाही उसका नाम टेढ़ा,उसका धाम टेढ़ा,उसका काम टेढ़ा ?.और वो खुद भी टेढ़ा है,
और मेरे राम को देखो कितने सीधे और कितने सरल है ?
बृंदावन वाला साधु :-अरे..अरे,ये आप क्या बोला नाम टेढ़ा,धाम टेढ़ा,काम टेढ़ा वो कैसे
आप सावित कार सकते है ?
अयोध्या वाला साधु :- बिल्कुल आप खुद ये काग़ज़ और कलम लो और कृष्ण
लिख कार देख लो……….अब बताओ ये नाम टेढ़ा है की नाही?
बृंदावन वाला साधु:- सो तो है……………..?
अयोधेया वाला साधु :- ठीक इसी तरह उसका धाम भी टेढ़ा है विश्वास नाही तो बृंदावन
लिख कार देख लो?
बृंदावन का साधु बोला:- चलो हम मान लिए की नाम और धाम टेढ़ा है लेकिन उनका काम
टेढ़ा है और वो खुद भी टेढ़े है ये आपने कैसे कहा ?
अयोध्या का साधु बोला :-प्यारे……….ये भी बतानी पड़ेगी? अरे भाई जमुना मे नहाती गोपियो
की वस्त्रा चुराना,रास रचना, माखन्न चुराना ये सब कोई शरीफो का सीधा सदा काम है क्या,
और आज तक कोई हमे ये बता दें की किसी ने भी उनको सीधे खड़े देखा है क्या?
फिर क्या था, बृंदावन के साधु को अपने कृष्ण से बहूत नाराज़गी हुई वो सीधे बृंदावन पहुचा
और और कृष्ण भगवान से लड़ाई तान दी बोला खूब ऊल्यू बनाया मुझे इतने दिनो से यह लो
अपनी लतुक कमरिया यह लो अपनी सोती अब हम तो चले अयोध्या सीधे सादे राम की शरण
मे,
कृष्ण मद मद मूशकूराते हुए बोले :-लगता है तुम्हे कोई भड़का दिया है मुझ से, ठीक है जाना
चाहते हो तो चले जाना पर यह बता तो दो की हम टेढ़े और राम सीधे कैसे है,और कृष्ण कुए
की और नहाने के लिए चल पड़े ?
बृंदावन वाला साधु बोला:-अजी आपका नाम टेढ़ा है आपका धाम टेढ़ा है और आपका तो सरा
काम भी टेढ़ा है आप खुद भी तो टेढ़े हो कभी आपको किसी ने सावधान मे खड़े नाही देखा होगा
है?
कृष्ण मंद मद मूशकूराते हुए कुए से पानी निकल रहे थे और अचानक पानी निकालने वाली
बाल्टी कुए मे गिर जाती है, कृष्ण अपने नाराज शिष्या को आश्रम से इक सरिया लाने को
कहते है शिष्या सरिया लाकर देता है, और कृष्ण उस सरिए से बाल्टी को निकलने की
कोशिश करते है ?
बृंदावन का साधु बोला:- आज मुझे मालूम हुआ की आप को अक्ल भी कोई खास नाही है
अजी सीधी सरिए से बाल्टी कैसे निकलेगी इतने देर से परेशान हो सरिए को थोड़ी टेढ़ी कार
लो फिर देखो बाल्टी कैसे बाहर आजाती है?
कृष्ण अपने स्वभाविक रूप से मंद मंद मूशकूराते हुए कहते है :- वेवकूफ शिष्या ज़रा सोचो
जब इस छोटे से कुए से इक सीधी सरिया इक छोटी सी बाल्टी को नाही निकल सकती तो,
तुम्हे इतने बड़े पाप की भवसागर से वो सीधे सादे राम कैसे निकाल पायेगे अरे आजकल के
वेवकूफ इंसानो तुम सब तो इतने गहरे पाप की सागर मे गीर चुके हो की इससे तुम्हे निकाल
पाना मेरे जैसे किसी टेढ़े मेढ़े का ही काम रह गया है
जप रहा था तो इक अयोध्या का साधु बोला :-अरे भाई क्या राधा कृष्णा,राधा कृष्णा
लगा रखा है, अरे नाम ही जपना है सीता राम, सीता राम जपो ना क्या उस टेढ़े मेढ़े का नाम
लेते हो ?
इतना सुन कार बृंदा बन वाला साधु भड़क गया और बोला :- भाई जी जुबान संभाल कार बात
कीजिए,ये जुबान पान भी खिलाती है और लात भी खिलती है,आपने मेरे ईस्ट देव को टेढ़ा-मेधा
कैसे बोला?
अयोध्या का साधु बोला :-भाई ये बिल्कुल सत्या बात है की सचाई बहूत कड़वी होती है
लोग सहन नाही कार पाते है देखिए ना सच सुन कार आप कितने बौखला गये?
लेकिन :- सचाई च्हुप नाही सकती बनावत् की उसूलो से ,की खुशबो आ नाही सकती
कभी कागज की फूलो से?
भाई जी हम यह साबित कार सकते है की आपके कृष्ण टेढ़े मेढ़े ही है उसका कुच्छ भी तो
सीधा नाही उसका नाम टेढ़ा,उसका धाम टेढ़ा,उसका काम टेढ़ा ?.और वो खुद भी टेढ़ा है,
और मेरे राम को देखो कितने सीधे और कितने सरल है ?
बृंदावन वाला साधु :-अरे..अरे,ये आप क्या बोला नाम टेढ़ा,धाम टेढ़ा,काम टेढ़ा वो कैसे
आप सावित कार सकते है ?
अयोध्या वाला साधु :- बिल्कुल आप खुद ये काग़ज़ और कलम लो और कृष्ण
लिख कार देख लो……….अब बताओ ये नाम टेढ़ा है की नाही?
बृंदावन वाला साधु:- सो तो है……………..?
अयोधेया वाला साधु :- ठीक इसी तरह उसका धाम भी टेढ़ा है विश्वास नाही तो बृंदावन
लिख कार देख लो?
बृंदावन का साधु बोला:- चलो हम मान लिए की नाम और धाम टेढ़ा है लेकिन उनका काम
टेढ़ा है और वो खुद भी टेढ़े है ये आपने कैसे कहा ?
अयोध्या का साधु बोला :-प्यारे……….ये भी बतानी पड़ेगी? अरे भाई जमुना मे नहाती गोपियो
की वस्त्रा चुराना,रास रचना, माखन्न चुराना ये सब कोई शरीफो का सीधा सदा काम है क्या,
और आज तक कोई हमे ये बता दें की किसी ने भी उनको सीधे खड़े देखा है क्या?
फिर क्या था, बृंदावन के साधु को अपने कृष्ण से बहूत नाराज़गी हुई वो सीधे बृंदावन पहुचा
और और कृष्ण भगवान से लड़ाई तान दी बोला खूब ऊल्यू बनाया मुझे इतने दिनो से यह लो
अपनी लतुक कमरिया यह लो अपनी सोती अब हम तो चले अयोध्या सीधे सादे राम की शरण
मे,
कृष्ण मद मद मूशकूराते हुए बोले :-लगता है तुम्हे कोई भड़का दिया है मुझ से, ठीक है जाना
चाहते हो तो चले जाना पर यह बता तो दो की हम टेढ़े और राम सीधे कैसे है,और कृष्ण कुए
की और नहाने के लिए चल पड़े ?
बृंदावन वाला साधु बोला:-अजी आपका नाम टेढ़ा है आपका धाम टेढ़ा है और आपका तो सरा
काम भी टेढ़ा है आप खुद भी तो टेढ़े हो कभी आपको किसी ने सावधान मे खड़े नाही देखा होगा
है?
कृष्ण मंद मद मूशकूराते हुए कुए से पानी निकल रहे थे और अचानक पानी निकालने वाली
बाल्टी कुए मे गिर जाती है, कृष्ण अपने नाराज शिष्या को आश्रम से इक सरिया लाने को
कहते है शिष्या सरिया लाकर देता है, और कृष्ण उस सरिए से बाल्टी को निकलने की
कोशिश करते है ?
बृंदावन का साधु बोला:- आज मुझे मालूम हुआ की आप को अक्ल भी कोई खास नाही है
अजी सीधी सरिए से बाल्टी कैसे निकलेगी इतने देर से परेशान हो सरिए को थोड़ी टेढ़ी कार
लो फिर देखो बाल्टी कैसे बाहर आजाती है?
कृष्ण अपने स्वभाविक रूप से मंद मंद मूशकूराते हुए कहते है :- वेवकूफ शिष्या ज़रा सोचो
जब इस छोटे से कुए से इक सीधी सरिया इक छोटी सी बाल्टी को नाही निकल सकती तो,
तुम्हे इतने बड़े पाप की भवसागर से वो सीधे सादे राम कैसे निकाल पायेगे अरे आजकल के
वेवकूफ इंसानो तुम सब तो इतने गहरे पाप की सागर मे गीर चुके हो की इससे तुम्हे निकाल
पाना मेरे जैसे किसी टेढ़े मेढ़े का ही काम रह गया है
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